हर महीने आम आदमी को फ्री राशन देने पर सरकार का नया प्रभावी कदम नए आदेश के द्वारा अब पहले से भी काम मिलेगा राशन फ्री राशन योजना

राज्य की सरकारों पर केंद्र की गवर्नमेंट ने नए फ्री राशन बांटने के नए आदेश भेजे हैं या इसलिए किया जा रहा है कि राज्य की सरकारों पर फ्री राशन बांटने का असर कम पड़े और जो गरीब तबके या बेलो पॉवर्टी (गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले लोग) लाइन से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी लोगों को आसानी से राशन मिल पाए तो इसलिए केंद्र की गवर्नमेंट ने राज्य की सरकारों पर काफी दबाव डाला है इस दावों के कारण राज्य की सरकारों ने फ्री राशन योजना के तहत राशन लेने वाले सभी व्यक्तियों व  राशन बांटने वाले सभी केंद्र पर छापेमारी करना शुरू कर दिया है

हाल ही में केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाले सभी तरीके के अनाजों पर कटौती की है और गरीबी वह जरूरतमंद लोगों को मिलने वाले फ्री राशन की मात्रा में बढ़ोतरी वह बदलाव किए हैं भारत सरकार द्वारा चलाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत बिहार में प्रति व्यक्ति को मिलने वाले गेहूं और चावल की मात्रा में कटौती करी गई है पहले इस योजना के तहत दाल और चीनी और भी अन्य प्रकार के अनाज दिए जाते थे इस योजना के तहत काफी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले व्यक्तियों को लाभ मिलता था और और यह उनकी आवश्यकता भी पूरी करता था

क्या होंगे राशन बांटने के नए नियम

केंद्र सरकार पहले इस फ्री या राशन योजना व स्कीम के तहत बिहार को 460375 मेट्रिक टन अनाज दिया करता था जिसको अब घटकर 44296 मेट्रिक टन कर दिया गया है इसी कारण राज्य सरकारों ने जिलों का आवंटन भी घटा दिया है इसमें 6016 मेट्रिक टन चावल और 11079 मेट्रिक टन गेहूं की कटौती की गई है

  • फ्री राशन में कटौती: केंद्र सरकार ने पहले बिहार को फ्री राशन योजना के तहत 460,375 मेट्रिक टन अनाज का आवंटन किया था, जिसे अब घटाकर 44,296 मेट्रिक टन कर दिया गया है। इस कटौती का असर राज्य के गरीब और जरूरतमंद लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें इस योजना से लाभ मिलता था।
  • चावल और गेहूं में कटौती: इस नए आवंटन में 6,016 मेट्रिक टन चावल और 11,079 मेट्रिक टन गेहूं की कटौती की गई है, जिसके कारण राज्य के गरीब परिवारों को उपलब्ध अनाज की मात्रा में कमी आएगी।
  • जिलों में आवंटन घटा: राज्य सरकारों ने केंद्र के इस निर्णय के चलते जिलों को आवंटित किए जाने वाले राशन में भी कटौती कर दी है, जिससे हर जिले में जरूरतमंद परिवारों को मिलने वाला राशन कम हो सकता है।
  • राज्य पर वित्तीय दबाव: इस कटौती के कारण राज्य सरकारों पर दबाव बढ़ सकता है कि वे अपने स्तर पर खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त उपाय करें और जरूरी होने पर अपने संसाधनों से जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करें।

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गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले परिवारों पर इसका असर पड़ेगा

इस कटौती से सभी गरीबों से नीचे जीने वाले व्यक्तियों और जरूरतमंद आदमियों पर काफी असर पड़ेगा जो इस योजना के तहत अपना परिवार का भजन आवश्यकताओं को पूरा करते थे अब राशन की मात्रा घटने से उन्हें कम अनाज मिलेगा जिससे उनकी ज़रूरतें पूरी नहीं हो पाएंगे

क्या है नए नियम सरकारी राशन बांटने के

नियम कुछ इस प्रकार से है पहले जहां प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल दिया जाता था उसमें अब कटौती की जाएगी प्रतीक प्रत्येक लाभार्थी परिवार को अब पहले के मुकाबले कम अनाज व राशन मिलेगा केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया नए नियम के अनुसार इस कमी का असर सभी जिलों में देखने को मिलेगा

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FAQs

क्या नए नियमों से गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले व्यक्तियों पर असर पड़ेगा ?

जी हां

क्या इस योजना से आम आदमी को भी असर पड़ेगा ? 
जी हां उनको अब काम राशन मिलेगा
क्या बीपीएल धारकों को इसका फायदा मिलेगा 
बीपीएल धारकों को पहले से ज्यादा राशन मिलेगा

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